भारत की अर्थव्यवस्था में हुई भारी गिरावट GDP लगभग 24 फीसदी गिरी

न्यूज ब्यूरो : चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल और जून की तिमाही में कोरोना के चलते सभी औद्योगिक गतिविधियाँ ठप्प रही जिसके चलते आर्थिक गतिविधियाँ बंद रही। इस कारण देश की अर्थव्यवस्था बेहाल हो गई।
GDP किसी देश के आर्थिक तरक्की की सूचक होती है। जब देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है तब GDP बढ़ जाती है और जब अर्थव्यवस्था बेहाल हो जाती है तो GDP कम हो जाती है। GDP की गिरावट का सबसे ज्यादा असर गरीब लोगों पर होता है। इससे आम लोगों की औसत आय कम हो जाती है और लोग गरीबी रेखा से नीचे चले जाते हैं भारत में आर्थिक असमानताएं बहुत ज्यादा है इसलिए अप्रैल से जून की GDP मेंं 24% की गिरावट से बहुत ज्यादा परेशानी मध्यम एवं निम्न वर्ग के लोगों को होगी।
पिछले साल GDP मेंं 5.5 फिसदी कि बढ़त हुई थी। किंतु इस बार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 24% की गिरावट आने से देश की अर्थव्यवस्था मन्दी की ओर इशारा कर रही है। GDP से पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था कितनी सही और कितनी खराब है। जीडीपी घटने से बेरोजगारी बढ़ेगी और लोगों की बचत और निवेश कम हो जाएगा, महँगाई बढ़ जाएगी और राजकीय कोष मेंं घाटा बढऩे का खतरा भी पैदा हो जाएगा। यदि दूसरी तिमाही में भी GDP मेंं गिरावट आई तो देश की विकास क्रिया भी थम जाएगी।