हाईपरसोनिक सफल परीक्षण के बाद, भारत हुआ अमेरिका, रुस और चीन के बराबर

न्यूज ब्यूरो : भारत ने आज विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ी सफलता हासिल की है। भारत की रक्षा तकनीक से संस्था DRDO ने आज सुबह 11.03 बजे हाईपरसोनिक तकनीक का सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण के बाद भारत इस तकनीक को रखने वाला अमेरिका, रुस और चीन के बाद चौथा देश बन गया है। यह परीक्षण DRDO ने उड़ीसा के व्हीलर द्वीप में A.P.J.ABDUL KALAM रेंज से किया। यह स्वदेशी तकनीक छह गुना तेज गति से उड़ने वाली मिसाइलों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित इस हाईपरसोनिक टेस्ट डिमान्स्ट्रेटर व्हीकल का परीक्षण अग्नि मिसाइल बूस्टर का उपयोग करके किया गया। इस परीक्षण के बाद DRDO प्रमुख सतीश रेड्डी और उनकी हाईपरसोनिक मिसाइल टीम का कहना है कि हम अगले पांच वर्षो में स्क्रेप जैट इंजन के साथ एक हाईपरसोनिक मिसाइल विकसित कर लेंगे। जिसमें लगभग 2 कि.मी. प्रति सेकंड से अधिक यात्रा की क्षमता होगी। इस परीक्षण में HSTDV के प्रत्येक चैम्बर्स का प्रदर्शन किया गया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने परीक्षण के बाद DRDO और HSTDV की पूरी टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक विशिष्ट ऐतिहासिक उपलब्धि है। रक्षा मंत्री ने कहा है कि HSTDV का सफलता पूर्वक परीक्षण के साथ सभी महत्वपूर्ण प्रौद्यौगिकियाँँ सफलता के साथ अगले चरण की प्रगति के लिए स्थापित है।

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