कर्ज में डूबी एयर इंडिया का निजीकरण नहीं हुआ तो करना पड़ेगा बंद

न्यूज ब्यूरो : केन्द्र सरकार ने मंगलवार को संसद के मानसून सत्र में कहा है कि कर्ज में डूबी एयर इंडिया को बेचने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है। जिससे इसे जारी रखा जाए। सिविल एविएशन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि यदि एयर इंडिया का निजीकरण नहीं हुआ तो इसे बंद करना पड़ सकता है। इससे यह बात तो तय है कि सरकार ने एयर इंडिया को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं और वह एयर इंडिया को चलाने की स्थिति में नहीं है।

मंगलवार को राज्य सभा में एयरक्राफ्ट संशोधन बिल पास किया गया। लोकसभा में ये बिल मार्च 2020 में ही पास हो गया था। अब ये बिल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद एयर उड़ानों में होने वाली लापरवाही पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना दिया जायेगा। पहले ये जुर्माना 10 लाख रुपये था।

एयर इंडिया की ये स्थिति बेकार प्रबन्धन के कारण और सरकारी सेवा में एयर इंडिया में हद से ज्यादा उपयोग होने के कारण हुई है। एयर इंडिया का प्रबन्धन ढीला ढाला सा रहा। एयर इंडिया की उड़ाने अक्सर लेट होती थी और कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से हमेशा ही सेवाएं प्रभावित रही। सरकार की तरफ से बकाया भी समय से नहीं मिला और ये कम्पनी कर्ज में डुबती चली गई।इस पर लगभग 60हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। अब इस कर्ज में डूबी हुई कम्पनी के लिए कोई खरीदार नहीं मिल रहा है इसलिए सरकार को ये बंद करनी पड़ सकती है।

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