गिरफ्तार होने के बाद निकला श्रीकांत त्यागी का घमंड, कहा मुझसे गलती हो गई
श्रीकांत त्यागी को पुलिस ने मेरठ के परतापुर से गिरफ्तार किया गया था। वह कोर्ट में सरेंडर करने के प्रयास में था। इसके लिए उसने कोर्ट में आवेदन भी किया था। गिरफ्तारी के बाद त्यागी को सूरजपुर स्थित जिला न्यायालय लाया गया इसके बाद एसीपी पीपी सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लुकसर स्थित जिला कारागार में भेज दिया गया है।
इससे पहले नोएडा पुलिस आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि घटना वाले दिन हमारी टीम को एक वीडियो की जानकारी मिली थी, जिसका त्वरित संज्ञान लिया गया है। हमारी टीम ने संबंधित एसएचओ को उस वीडियो की जानकारी दी और उस परिवार से संपर्क करते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
यह पांच तारीख की घटना थी। पुलिस ने पीड़ित से संपर्क किया और केस दर्ज किया। इसके साथ ही आरोपी की तलाश शुरू के दी। पुलिस आयुक्त का कहना है कि हमने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पहले आठ टीमों का गठन किया था। जिसमें महिला सुरक्षा अधिकारी भी थीं। और बाद में बड़ी टीम का गठन किया था और जरूरत पड़ने पर 12 टीमों का गठन किया गया।
इसके साथ ही मुख्य आरोपी का लगातार पीछा किया गया। आरोपी यूपी की सीमाओं से बाहर भी गया था। हमारी टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की भी मदद ली। पुलिस आयुक्त ने कहा कि आरोपी श्रीकांत त्यागी बहुत शातिर तरीके से खुद को बचाने में लगा हुआ था। हमारी टीमों ने सतर्कता के साथ उसे मेरठ से गिरफ्तार कर लिया।
विवाद की जड़ वो जमीन थी जिस पर पेड़ लगाने को लेकर आरोपी ने महिला के साथ अभद्रता की थी। पुलिस आयुक्त ने बताया कि घटना के बाद से आरोपी ने सबसे पहले एयरपोर्ट की तरफ जाने की कोशिश करि थी। लेकिन घटना की वीडियो काफी वायरल हो चुकी थी, जिस वजह से आरोपी मेरठ पहुंचा और अगले दिन यानी कि शनिवार को हरिद्वार पहुंचा था। वहां से रविवार को वापस यूपी की सीमा में प्रवेश किया।
रविवार शाम को मेरठ, मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में इसकी सक्रियता देखी गई। इस दौरान इसने न केवल खुद को छुपाया बल्कि लगातार स्थान बदलता रहा और पुलिस को चकमा देने के लिए चलाक त्यागी वाहन भी बदलता रहा। पुलिस आयुक्त ने बताया कि हमारी टीमें इसकी सब गतिविधि पर नजर बनाए हुए थीं।
नकुल त्यागी, संजय, ड्राइवर और राहुल इसके मुख्य साथी हैं। ये सभी त्यागी के साथ लंबे समय से जुड़े हुए थे। पुलिस आयुक्तका कहना है कि इसके पास से पांच वाहन मिले हैं, सभी के सीरियल नंबर में 001 कॉमन है। आरोपी ने सभी गाड़ियों के नंबर के लिए लाखों रुपये खर्च किए हैं।
आरोपी की गाड़ी पर विधायक को मिलने वाला स्टीकर लगा है। उसका कहना है कि यह स्टीकर उसे स्वामी प्रसाद मौर्य से मिला था। पुलिस आयुक्त ने कहा कि आरोपी पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि अभी तक पांच गाड़ियां बरामद की गई हैं, जिनमें दो फॉर्च्यूनर, दो सफारी और एक होंडा सिविक है। कुछ गाड़ियां इसके और कुछ इसकी पत्नी के नाम पर हैं। इसको गाजियाबाद से मिले गनर मामले की भी जांच की जा रही है।